Saturday, September 15, 2018

क्षत्रिय घाँची समाज एकता की हकीकत

क्षत्रिय(घाँची) समाज का यदि किसी ने बड़ा नुकसान किया है तो वो खुद किसी क्षत्रिय(घाँची) ने ही किया है ,,,,,,,
#समाज के उद्धार के लिए,, समाज को हक दिलाने के नाम पर  हजारो संगठन कुकुरमुतो की तरह खड़े कर दिये पर वो सच्चा, मैं झुठा की आपसी लड़ाई और फूट को देख कर समाज का आम आदमी बेचारा अपने आप को ठगा सा महसूस करता है

#युग बीत गये, दुनिया बदल गई पर क्षत्रिय(घाँची) समाज के लोगो की  न तो खोखली शान बदली है न ही आपसी फूट बदली है,,,क्षत्रिय(घाँची) सदियों से अपने अहम/वहम अहंकार  में जीता आया है अपने आगे वो किसी की नहीं सुनता है और आज भी यही हो रहा है
#सबको अपने अपने निजी हितो की पडी हैं समाज के हित किसी को नहीं दिख रहे हैं संगठनो के नाम पर एक दूसरे पर कीचड़ उछालने का काम ही हो रहा है,,,,,,, समाज के  गौरवान्ति क्षत्रिय इतिहास व असली मुद्दों पर तो बेचारा साधारण क्षत्रिय(घाँची) लड रहा हैं जिसकी कोई सुनवाई नहीं है
#बहुत से लोग हमे को कहते हैं आप युवा हो  फलाने संगठन में शामिल हों जाओ, इसमें आ जाओ, उसमें आ जाओ, ये सही है वो सही है,,,,,,,,,,,, मेरा जवाब हमेशा ना ही रहा हैं ,,,

#हमारा कुल परिवार, हमारा स्वाभिमान हमे समाज हित के काम पहले करने के लिए कहता है  किसी भी संगठन में जाकर एक दूसरे पर कीचड उछालने की आजादी हमें नही चाहिए
#सैकड़ो संगठन आप समाज की भलाई के लिए बनाते हो तो ये आपसी फूट क्यू रखते हो,, हर एक मुद्दे पर मिल कर काम क्यू नहीं करते हो,, आपसी हितो और पदो की लोलूपता छोड़ कर समाज हित को सर्वोपरि रखो तभी प्रत्येक क्षत्रिय(घाँची)के मन में आपकी इज्जत बढेगी
#हमारे लिए समाज पहले है संगठन बाद में ,,हमारे लिए समाजहित पहले है संगठन हित बाद में

#टांग खिंचना और कीचड़ उछालना हमारी क्षत्रियता नहीं है ,,क्षत्रिय तो खुद का बलिदान देकर  समाज के लिए कुछ कर गुजरने का नाम  है 😊😊

अगर इसको पढ़ने के बाद  भी कोई यह सोचता है कि हमारे समाज को क्षत्रिय/राजपुत घाँची नही लिखना चाहिए तो वे लोग अपना डीएनए जांच करवालें क्योंकि ऐसे  समाज के पंच लोग अपने आप को अध्यक्ष ही नही समाज का नीति निर्माता समझ लेता है और समाज के कार्यक्रमो के निमंत्रण पत्रो व बैनर/पोस्टरों पर अपनी मनमानी करने लगते है क्योंकि उनको क्षत्रिय घाँची लिखने में शर्म आती है लेकिन ये लोग मोदी लिख कर जो दूसरे रक्त(डीएनए) में जो चले जाते है पर उनके इस घिनोने कार्य पर उनको लज़्ज़ा नही आती है पर क्षत्रिय लिखदे तो मानो उनको गाली लगी हो ऐसे समाज के पंच व अध्यक्ष समाज का भला कभी नहीं कर सकते है ये  पंच व अध्यक्ष तो केवल अपने जेब का भला समाज के नाम से करने में लगें रहते है क्योंकि ये  समाज के नाम पर अध्यक्ष अपने स्वार्थ के लिए बन तो जाते है पर समाज के स्थापना दिवस व सामूहिक विवाह सम्मेलन में इनको फर्क पता नहीं होता है साधारण से साधारण व्यक्ति को भी पता होता है कि स्थापना दिवस के दिन क्या क्या किया जाता है जैसे कि स्थापना दिवस के इतिहास पर प्रकाश डाला जाता है कि स्थापना दिवस क्यों मनाया जाता है, उसका कारण क्या है, स्थापना करने वाले महापुरुषों को याद किया जाता है, उनके योगदान व समाज इतने वर्षों में सामाजिक, शिक्षा व राजनीतिक स्तर पर वर्तमान में क्या मुकाम हासिल कर पाया है आदि मुद्दों पर प्रकाश डालने के बजाय ये समाज के संगठन केवल अपने खुद के संगठन के सदस्यों का सम्मान करने में ओर अपने ही मुँह से एक दूसरे की  झूठी वाहवाही या फिर
समाज के स्थापना दिवस के मंच को राजनीतिक अखाड़ा बनाकर अपनी अपनी पार्टीयो की लॉबी करने लग जाते है
इनको यह पता नही रहता कि समाज का साधारण से साधारण व्यक्ति समाज के स्थापना दिवस पर समाज के जिस गौरवान्वित क्षणों को वह देखने आया है वैसा यहाँ पर कुछ नही होने वाला यहाँ पर तो उसे समाज के उन पंचो व अध्यक्षो की वाहवाही सुननी पड़ेगी ओर समाज के उन अमीर पंचो को मंच पर साफे व मोमेंटो लेते हुए देखना पड़ेगा यहाँ स्थापना दिवस तो कार्यक्रम का केवल नाम रखा गया है जबकि वास्तविकता से इसका कोई लेना देना ही नही है
अब अपने समाज के युवा पीढ़ी भी रूचिरत नही है अपने समाज के गौरवान्वित भूतकाल व वर्तमान की स्थिति से उसका कोई लेना देना नही क्योकि यहाँ भी वही हाल है उन पंचो व अध्यक्षो के बेटे भी समाज के युवा पीढ़ी के नाम पर संगठन बना कर उनके नक्शे कदम चल पड़े हैं और साधारण से क्षत्रिय घाँची को इतना वक़्त कहा कि वह अपने व परिवार की जरूरतों को पूरा करने के बाद उसके पास समय ही कहाँ रह जाता है जो वो समाज को दे पाये


आप सभी क्षत्रिय(घाँची) समाज बंधुओं से निवेदन है कि इसको ज्यादा से ज्यादा शेयर जरूर करे ताकि समाज के संगठन ओर उनके पदलोलुपता वाले सदस्यों का समाज के साधारण से साधारण युवा को पता चल सके

जय श्री राम

जय आबु अचलेश
जय सोमनाथ

क्षत्रिय घाँची समाज

वर्तमान में अपने समाज के कुछ लोगो को समाज का पूरा नाम लिखने मे क्या परेशानी है
उनको क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज लिखने में पता नही क्या दिक्कत होती है

फिर यही लोग क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज के स्थापना दिवस पर समारोह का आयोजन करते है लेकिन जब स्थापना दिवस के समारोह के बैनरो पर सिर्फ घाँची समाज स्थापना दिवस लिखकर अपनी घटिया व ओछी मानसिकता का प्रदर्शन पुरे समाज के सामने कर देते है अगर आप लोगो को क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज के स्थापना दिवस के बैंनरो व पैम्पलेट पर क्षत्रिय लिखने मे शर्म आती है तो आप स्थापना दिवस का आयोजन ही क्यों कर रहे हो
स्थापना दिवस तो क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज का होता है,, घाँची समाज का कोई स्थापना दिवस नही होता हैं फिर तो आपका यह स्थापना दिवस का आयोजन का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि स्थापना दिवस का अर्थ भी तो यही है कि हमारा समाज इस दिन क्षत्रिय राजपूत से क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज के रूप में अंगीकृत हुआ था उसी दिन को हम क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज का स्थापना दिवस के रूप में मनाते हैं


अगर समाज में ऐसे कुछ लोगो को क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज लिखने में दिक्कत है या वे क्षत्रिय घाँची व घांची दोनों मे समाज को उलझाना चाहते है तो वह लोग क्षत्रिय घाँची समाज का त्याग कर सकते है

हम तो मरते दम तक क्षत्रिय राजपुत  घाँची ही लिखते रहेंगे और जो नही लिखना चाहते है वो स्थापना दिवस भी मनाना बंद कर क्योंकि स्थापना दिवस तो सिर्फ क्षत्रिय घाँची समाज ही मनाता आया है 884 वर्षो से फिर तुम सिर्फ घाँची लिख कर स्थापना दिवस मनाने वालो अपना डीएनए टेस्ट करवा लो ताकि तुम किसी गलत साये मे न रहो

जय माँ भवानी

क्षत्राय ते इति क्षत्रिय


अखिल क्षत्रिय घाँची समाज

क्षत्रिय घाँची राजपुत समाज की गोत्र

: " चौहान" का बाहुबल हो ,
" राठौड़ " का जोश हो ,
"सिसोदिया(गहलोत)" की सोच हो,
" बोराणा " का शौर्य हो ,
" भाटी " की बाजू हो ,
" पंवार " का पानी हो ,
" सोंलकी " की समझ हो ,
" परिहार " का प्रहार हो ,
" देवडा " की दहाड़ हो ,
" परमार " जैसा महान हो ,
" दहिया " सा धीर हो ,


तो कसम " माँ भवानी " की पूरे के पूरे संसार पर " क्षत्रियो(घाँची) " का राज हो ।

क्षत्रिय घाँची समाज एकता के सूत्र

क्षत्रिय सरदार भवानी सेना द्वारा -
क्षत्रिय(राजपूत) घाँची समाज  के एकता सूत्र

(01) सभी क्षत्रिय(घाँची)एक रहो।

(02) भगवान श्रीराम  को अपना ईष्ट मानें

(03) छोटे छोटे संगठनों के क्षत्रिय(घाँची)कोष बनें!

(04) कोष से गरीब क्षत्रिय(घाँची) परिवारोंं की मदद हो।

(05) समाज का हर युवा कोई न कोई तकनीक सीखें!

(06) क्षत्रिय(घाँची) अधिकारी,प्रधानाचार्य, नेता, उद्योगपति, कानून के अंदर समाज के काम को यथा संभव हो तो आगे बढ़कर मदद करे

(07) डा. बी.आर अम्बेडकर के कारण,ओर नेहरू की नीतिओ के कारण हम क्षत्रियो(राजपुतो) का पतन हुआ है,इसलिए डाँ. बी.आर अम्बेडकर के विरुद्ध पंडित मदन मोहन मालवीय को खड़ा करें

(08) पढ़े लिखे क्षत्रिय(घाँची)युवा  अपने समाज के राजपुत इतिहास को समाज के सामने लाये व समाज को अपने क्षत्रिय राजपुत होने के गर्व की अनुभूति करावे

(09) आपसी सहयोग की भावना रखें, लेकिन पैसो ओर लेंन- देंन को व्यवहार कुशल अवश्य रखें

(10) अपने क्षत्रिय/राजपूत होने पर गर्व करें ओर अपनी झूठी शान के लिए कोई भी अनैतिक कार्य न करे

(11) सभी  अपने नाम के साथ सिंह व  अपनी गोत्र  जरूर लगाएं ताकि अपने क्षत्रिय/राजपुत घाँची होने की पहचान को आगे बढ़ाया जा सके, साथ ही यग्योपवीत और चंदन लगाना प्रारम्भ करें

(12) क्षत्रिय ही क्षत्रिय की निंदा कभी न करे। यदि कोई करता है,तो तार्किक विरोध करे।

(13) गो वध का विरोध जरूर करे व गौ दान अवश्य करें

(14) जहाँ भी वेदों,उपनिषदों, रामायण, महाभारत,गीता का विरोध हो,मुकाबला करें

(15) मनुस्मृति का अपमान बिलकुल सहन न करें

(16) श्री राम  को  अपना आदर्श व रामायण, गीता, महाभारत अपना गौरव ग्रंथ मानें व बच्चों को क्षत्रिय इतिहास अवश्य पढ़ाएं

(17) इतिहास के  अपने समाज के क्षत्रिय नायकों पर शोध पूर्ण लेख लिखा जाए

(18) पहले एक सच्चे क्षत्रिय बने,समाज के साथ चली आयी क्षत्रिय मिसाल कायम रखै,,
(20) सभी क्षत्रिय(घाँची)प्रति दिन मंदिर जाएं और यथाशक्ति दान करें

(21) संगठित होकर रहे।किसी भी क्षत्रिय(घाँची)पर संकट आने पर मिलकर मुकाबला करें।ओर कम से कम तलवार और कोई भी अस्त्र सस्त्र अपने घर पर रखे

(22) प्राचीन के साथ आधुनिक शिक्षा  भी प्राप्त करें

(23) कैरियर पर अधिक ध्यान दें, खेलो को महत्व दे

(24) जीविका के लिए जो भी काम मिले, देवी माँ का नाम लेकर करें

(25) भगवान राम में आस्था रखें। भगवान राम का प्रचार प्रसार करें सभी क्षत्रिय(घाँची) घर मैं भगवान राम की पूजा और आरती ओर सनातन धर्म का पालन ओर रक्षा  करें

सभी क्षत्रिय/राजपुत घाँची आपस मे जय श्री राम,जय माता दी  का संबोधन करें।

सभी क्षत्रिय/राजपूत घाँची एकजुट रहे

अगर आप क्षत्रिय(घाँची)  है, तो इस संदेश को अपने सभी समाज बंधुओं तक जरूर भेजे और बार बार भेजे।🙏

क्षत्रिय सरदार भवानी सेना


जय श्री राम
जय क्षात्र-धर्म
जय माँ भवानी