Saturday, September 15, 2018

क्षत्रिय घाँची समाज

वर्तमान में अपने समाज के कुछ लोगो को समाज का पूरा नाम लिखने मे क्या परेशानी है
उनको क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज लिखने में पता नही क्या दिक्कत होती है

फिर यही लोग क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज के स्थापना दिवस पर समारोह का आयोजन करते है लेकिन जब स्थापना दिवस के समारोह के बैनरो पर सिर्फ घाँची समाज स्थापना दिवस लिखकर अपनी घटिया व ओछी मानसिकता का प्रदर्शन पुरे समाज के सामने कर देते है अगर आप लोगो को क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज के स्थापना दिवस के बैंनरो व पैम्पलेट पर क्षत्रिय लिखने मे शर्म आती है तो आप स्थापना दिवस का आयोजन ही क्यों कर रहे हो
स्थापना दिवस तो क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज का होता है,, घाँची समाज का कोई स्थापना दिवस नही होता हैं फिर तो आपका यह स्थापना दिवस का आयोजन का कोई औचित्य नहीं है क्योंकि स्थापना दिवस का अर्थ भी तो यही है कि हमारा समाज इस दिन क्षत्रिय राजपूत से क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज के रूप में अंगीकृत हुआ था उसी दिन को हम क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज का स्थापना दिवस के रूप में मनाते हैं


अगर समाज में ऐसे कुछ लोगो को क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज लिखने में दिक्कत है या वे क्षत्रिय घाँची व घांची दोनों मे समाज को उलझाना चाहते है तो वह लोग क्षत्रिय घाँची समाज का त्याग कर सकते है

हम तो मरते दम तक क्षत्रिय राजपुत  घाँची ही लिखते रहेंगे और जो नही लिखना चाहते है वो स्थापना दिवस भी मनाना बंद कर क्योंकि स्थापना दिवस तो सिर्फ क्षत्रिय घाँची समाज ही मनाता आया है 884 वर्षो से फिर तुम सिर्फ घाँची लिख कर स्थापना दिवस मनाने वालो अपना डीएनए टेस्ट करवा लो ताकि तुम किसी गलत साये मे न रहो

जय माँ भवानी

क्षत्राय ते इति क्षत्रिय


अखिल क्षत्रिय घाँची समाज

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