क्षत्रिय(घाँची)समाज के ब्लॉग में आपका स्वागत है इस ब्लॉग में आप क्षत्रिय समाज के इतिहास और समाज की महत्वपूर्ण जानकारीया प्राप्त कर सकेंगे ऐसी मे आशा करता हूँ
यहाँ पर जो भी समाज के इतिहास के बारे में दिया गया है वो पूर्ण सत्य है यह कोई अनुमान या मिथक नही है
4 Comments:
ठिक है घांची समाज अभी तक टस्ट् नही वनासके कोई आपनी नितीया लगाराहे है समाज एक जुट होने के लिए किया उपाय है सब बताओ
ठिक है घांची समाज अभी तक टस्ट् नही वनासके कोई आपनी नितीया लगाराहे है समाज एक जुट होने के लिए किया उपाय है सब बताओ
कुछ नही बस सभी समाज बंधू अपनी जाति क्षत्रिय अवश्य लिखे और समाज के विकास में अपना खुद का समय समाज के लिये निकाले समाज क्षत्रिय लिखने से एकजुट और आपके अपने अमूल्य समय से समाज अपने आप विकास करने लगेगा
तोमर जो कि पाण्डु पुत्र अर्जुन के वंशज है। क्षत्रिय वंस की शाखा है, राजा अनंगपाल प्रथम के पुत्र बोडाना जिनका मालवा , मारवाड़ ओर देसूरी पर सासन था। अनंगपाल प्रथम के पुत्र बोडाना के नाम से ओर उनके वंस से बोराणा गोत्र की उतपति हुई और धीरे धीरे बोराणा गोत्र के रूप परचलित हो गई । इस तरह ये तंवर राजपुतो की एक शाखा बोराणा बनी । तंवर वंस बोराणा वंस एक ही है। ये सब हमारे राव भाटो की बहियों में लिखा है।
हर हर महादेव🙏🙏
जय भवानी🚩🚩
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