क्षत्रिय जाति बनने की होड़ में सभी जातिया
वर्तमान में सभी जातियों में क्षत्रिय बनने की होड़ -
आज जिस किसी जाति व समाज को देखो हर कोई अपने आप को क्षत्रिय साबित करने की कोशिश करता है चाहे व वैश्य वर्ण की जाति हो या शूद्र वर्ण की व कृषक वर्ग की सब खुद की जाती को क्षत्रिय लिखने व बताने लगते है लेकिन जब उनको पूछा जाता है कि क्षत्रिय यानी राजपुत तो उनके पास कोई जवाब नही होता है बस इतना बोलते है कि नही केवल क्षत्रिय ही है हम राजपुत नही, फिर उनके समाज के राजाओं के नाम व उनकी रियासत के नाम पूछो तो उनको पता ही नही ओर न उनके वंश का नाम पता फिर भी स्वयं घोषित क्षत्रिय बने फिरते हैं
जबकि न उनमे क्षत्रिय संस्कार होते है न क्षत्रिय वाला काम ओर न क्षत्रिय धर्म का ज्ञान ओर न उसका पालन फिर भी फर्जी क्षत्रिय सभी जातिया बनने में लगी है
यह सभी स्वयं घोषित क्षत्रिय बनने वालो के पास कोई जवाब नही होता तो यह सब हमारे क्षत्रिय/ राजपुत घाँची समाज पर सवाल उठाते हैं कि फिर तुम क्षत्रिय कैसे ओर तुम्हारे कौनसे राजा थे व कोनसी रियासत व वंश था तो उन तथाकथित फर्जी क्षत्रियो को बता दु कि हम क्षत्रिय ही नही अपितु क्षत्रिय राजपुत वंशी है हम तो राजपुत वंशी ही है ओर हम राजपुत घाँची भी लिखते थे और लिखते है हमारी रियासत अहिलनवाडा पाटण व वहाँ के ठिकानेदार , हमारे समाज के राजा मुलराज, भीमदेव , जयसिंह ,कुमारपाल सिंह , कर्णसिंह आदि व हमारे समाज के वंश सूर्यवंश, चंद्रवंश, अग्निवंश, ऋषिवंश आदि व 13 राजपुत गोत्र 8 कुल के ओर हम सभी क्षत्रिय घाँची क्षत्रिय यानी राजपुत भी पहचान रखते है हम तुम दुसरो की तरह फर्जी क्षत्रिय नही है हमारे तो पूर्वज श्री राम व श्री कृष्ण थे हम उन क्षत्रियो के वंसज है वैदिक क्षत्रिय है हम, जिनका उल्लेख रामायण महाभारत तथा वेदों में वर्णित है
तुम्हारी तरह स्वयं घोषित फर्जी क्षत्रिय नही जो कि लोकतंत्र आने के बाद आजादी व संविधान के मौलिक अधिकारों का फायदा उठाकर पर अपनी जाति को क्षत्रिय घोषित कर देना व लोकतंत्र में सभी को अपने नाम के आगे कुछ भी लिखने के अधिकार के नाम पर फर्जी क्षत्रिय , कुँवर ,बन्ना ,बाईसा व सिंह लिख कर अपने आप को क्षत्रियवंशी व क्षत्रिय राजपुत बताना ऐसे सभी फर्जी क्षत्रियो के लिए एक शेर - कि
शेर की खाल ओढ़ लेने से गीदड़ कभी शेर नही बन सकता है
और
क्षत्रिय कभी बना नही जा सकता उसके लिए तो क्षत्राणी की कोख से ही जन्म लेना पड़ता है
मेरा सभी क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज के युवाओं से निवेदन है कि हमे अपने क्षत्रिय धर्म को पुनः स्थापित करने की जरूरत है हमारी आने वाली पीढ़ी को अपने राजपुत इतिहास से अवगत कराने की जरूरत है ताकि हम उन तथाकथित फर्जी क्षत्रियो से तर्क संगत बहस कर सके
जय माँ भवानी
क्षत्रिय भवानी सेना
क्षत्रिय/राजपुत घाँची समाज
आज जिस किसी जाति व समाज को देखो हर कोई अपने आप को क्षत्रिय साबित करने की कोशिश करता है चाहे व वैश्य वर्ण की जाति हो या शूद्र वर्ण की व कृषक वर्ग की सब खुद की जाती को क्षत्रिय लिखने व बताने लगते है लेकिन जब उनको पूछा जाता है कि क्षत्रिय यानी राजपुत तो उनके पास कोई जवाब नही होता है बस इतना बोलते है कि नही केवल क्षत्रिय ही है हम राजपुत नही, फिर उनके समाज के राजाओं के नाम व उनकी रियासत के नाम पूछो तो उनको पता ही नही ओर न उनके वंश का नाम पता फिर भी स्वयं घोषित क्षत्रिय बने फिरते हैं
जबकि न उनमे क्षत्रिय संस्कार होते है न क्षत्रिय वाला काम ओर न क्षत्रिय धर्म का ज्ञान ओर न उसका पालन फिर भी फर्जी क्षत्रिय सभी जातिया बनने में लगी है
यह सभी स्वयं घोषित क्षत्रिय बनने वालो के पास कोई जवाब नही होता तो यह सब हमारे क्षत्रिय/ राजपुत घाँची समाज पर सवाल उठाते हैं कि फिर तुम क्षत्रिय कैसे ओर तुम्हारे कौनसे राजा थे व कोनसी रियासत व वंश था तो उन तथाकथित फर्जी क्षत्रियो को बता दु कि हम क्षत्रिय ही नही अपितु क्षत्रिय राजपुत वंशी है हम तो राजपुत वंशी ही है ओर हम राजपुत घाँची भी लिखते थे और लिखते है हमारी रियासत अहिलनवाडा पाटण व वहाँ के ठिकानेदार , हमारे समाज के राजा मुलराज, भीमदेव , जयसिंह ,कुमारपाल सिंह , कर्णसिंह आदि व हमारे समाज के वंश सूर्यवंश, चंद्रवंश, अग्निवंश, ऋषिवंश आदि व 13 राजपुत गोत्र 8 कुल के ओर हम सभी क्षत्रिय घाँची क्षत्रिय यानी राजपुत भी पहचान रखते है हम तुम दुसरो की तरह फर्जी क्षत्रिय नही है हमारे तो पूर्वज श्री राम व श्री कृष्ण थे हम उन क्षत्रियो के वंसज है वैदिक क्षत्रिय है हम, जिनका उल्लेख रामायण महाभारत तथा वेदों में वर्णित है
तुम्हारी तरह स्वयं घोषित फर्जी क्षत्रिय नही जो कि लोकतंत्र आने के बाद आजादी व संविधान के मौलिक अधिकारों का फायदा उठाकर पर अपनी जाति को क्षत्रिय घोषित कर देना व लोकतंत्र में सभी को अपने नाम के आगे कुछ भी लिखने के अधिकार के नाम पर फर्जी क्षत्रिय , कुँवर ,बन्ना ,बाईसा व सिंह लिख कर अपने आप को क्षत्रियवंशी व क्षत्रिय राजपुत बताना ऐसे सभी फर्जी क्षत्रियो के लिए एक शेर - कि
शेर की खाल ओढ़ लेने से गीदड़ कभी शेर नही बन सकता है
और
क्षत्रिय कभी बना नही जा सकता उसके लिए तो क्षत्राणी की कोख से ही जन्म लेना पड़ता है
मेरा सभी क्षत्रिय राजपुत घाँची समाज के युवाओं से निवेदन है कि हमे अपने क्षत्रिय धर्म को पुनः स्थापित करने की जरूरत है हमारी आने वाली पीढ़ी को अपने राजपुत इतिहास से अवगत कराने की जरूरत है ताकि हम उन तथाकथित फर्जी क्षत्रियो से तर्क संगत बहस कर सके
जय माँ भवानी
क्षत्रिय भवानी सेना
क्षत्रिय/राजपुत घाँची समाज
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