891 वाँ अंगीकरण दिवस क्षत्रिय लाटेचा राजपूत घाँची ( मारवाड़ा राजपूत mp) समाज की ऐतिहासिक व राजनीतिक उपलब्धियाँ
891 वाँ स्थापना अंगीकरण दिवस
29 मई 2025 को क्षत्रिय लाटेचा राजपुत घाँची समाज का सबसे बड़ा त्यौहार अंगीकरण/स्थापना दिवस अपने क्षत्रियवंशी पूर्वजों के स्वाभिमान दिवस के रूप में
समाज के महापुरुषों को अवश्य याद करे जिन्होंने समाज के अंगीकरण में भूमिका निभाई थी जिसमे वेलसिंह पुत्र बजेसिंह भाटी , वीरधवल सिंह राठौड़, सातलसिंह चौहान, पदमसिंह प्रतिहार आदि क्षत्रिय सरदारो ने समाज के अंगीकरण में अग्रणी भूमिका निभाई थी महाराजा जयसिंह सोलंकी के दरबार पाटण मे
हमारा समाज हर वर्ष जेयष्ट शुक्ल तृतिया तिथि को मनाया जाता है इस दिन समाज के अंगीकरण का नेतृत्व करने वाले विश्वेश्वर राजा कुमारपाल सिंह सौलंकी, ठाकुर वेलसिंह भाटी व 13 गोत्रो के 189 लाटेचा राजपूत सरदारो को याद किया जाता है
इसी दिन 8 कुल 13 गोत्र के 189 राजपूत सरदारो के परिवारो ने अपने क्षत्रिय स्वाभिमान के साथ राजपुताना में आकर बस गए
890 वर्षो मे समाज की इतिहासिक , ऐतिहासिक व राजनीतिक उपलब्धियां
# सोमनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण अपने समाज के राजा ने 11 वी शताब्दी में करवाया था
# मोहमद गौरी को धूल चटा कर अरब तक खदेड़ने वाला राजा भीमदेव अपने समाज का था
# 8 वी से 12 वी शताब्दी तक अहिलनवाड़ा मे ऐतिहासिक धरोहरो का निर्माण अपने समाज के राजाओ ने करवाया था जिसमे से कई निर्माण अपनी समाज की रानियों ने भी करवाये थे
#अपने समाज के क्षत्रिय राजपूत से अंगीकृत क्षत्रिय घाँची बनने के समय से वर्तमान से 891 वर्ष पहले अपने समाज मे दहेज़ प्रथा बंद हैं जो आज भी कायम है
# समाज के सभी राजपूत सरदारो ने अंगीकृत क्षत्रिय घाँची होने के बाद अहिंलवाड़ा से राजपुताना मे प्रस्थान से पूर्व आबू पर्वत पर ब्राह्मणों से शुद्धि यज्ञ करवाकर समाज में माँस भक्षण व मदिरा सेवन पूर्ण वर्जित माना
#1191 से वर्तमान तक यानि राजपूत से क्षत्रिय घाँची अंगीकृत होने के 890 वर्षो मे समाज में आज भी दहेज़ प्रथा पर पूर्ण रूप से प्रतिबंद है
# वर्तमान में भी समाज अपनी क्षत्रिय पहचान को बनाये रखने के लिए कुछ क्षेत्रों में अपने नाम के साथ" सिंह" लिखते थे और अभी भी कुछ लिखते हैं
क्षत्रिय राजपुत घाँची 8 कुल 13 गोत्रो के 189 क्षत्रिय राजपूत परिवारों से 891 वर्षो मे समाज की जनसंख्या वर्तमान मे 7 लाख से अधिक है राजस्थान में मारवाड़ में क्षत्रिय घाँची ओर लाटेचा सरदार व मध्यप्रदेश में शाजापुर क्षेत्र में मारवाड़ा राजपुत नाम से पहचाने जाते हैं
# क्षत्रिय घाँची समाज के लोग राजस्थान के जोधपुर,जालौर, आहोर ,पाली ,बाड़मेर ,बालोतरा
सिरोही,भीनमाल व सांचौर के अलावा राजस्थान के किसी भी जिलो मे निवासित नही है
#क्षत्रिय घाँची समाज को 1991 में बने ओबीसी आरक्षण आयोग के बाद आर्थिक स्थिति के अनुसार ओबीसी कोटे में रखा गया है
क्षत्रिय घाँची समाज को ओबीसी की सबसे अपडेटेड लिस्ट मे क्षत्रिय घाँची समाज का जाति क्रमांक 22 नंबर है
विक्रम संवत 1191 से 2082 विक्रम संवत यानी 891 वर्षो में समाज की उपलब्धि
समाज की लोकतंत्र के 71 वर्षों में राजनैतिक उपलब्धियां
(1 )मदन जी राठौड़ राज्यसभा सांसद राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भी है
(2 )समाज के विधायक भीमराज भाटी पाली विधानसभा
(3 )मदन राठौड़ विधायक सुमेरपुर विधानसभा
(4) महाराष्ट्र में क्षत्रिय घाँची
समाज की एक महिला विधायक जो समाज की प्रथम विधायक बनी थी आजाद भारत में
(5)अन्नाराम बोराणा जिला प्रमुख सिरोही
(6 )राकेश भाटी सांसद प्रतिनिधि पाली संसद क्षेत्र
(7) रेखा राकेश भाटी पाली सभापति
सोजत नगरपालिका सभापति जुगल किशोर निकुंभ
(8 )वजिंगराम जी बोराणा शिवगंज सभापति
9 इसके अतिरिक्त समाज के कई लोग राजनीतिक पद जैसे सरपंच ,पार्षद आदि रहे है समाज का कोई भी व्यक्ति 71 वर्षो मे केवल एक सांसद चुना गया इसके अतिरिक्त न ही कोई केंद्र सरकार में मंत्री या राज्य सरकार मंत्री बनाया किसी पार्टी ने जबकि समाज की कुल जनसंख्या 6 लाख से अधिक है
समाज की इतिहास से जुडी जानकारी को समाज के प्रत्यके व्यक्ति तक पहुँचाये व समाज के प्रत्यके ग्रुप में शेयर जरूर करे